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साजना रे..साजना रे..gajendra verma song lyrics

 रात तारों की है  मोती सब सीप के  चाँद कि जिस तरह चाँदनी  तेरी बन के जियूँ  तेरी हो के मरूं मैं भी बस इसलिए हूँ बनी  हो साजना रे..साजना रे..

 प्यार से देख तो तू कभी  तू है सागर वोही  जिसकी मैं हूँ नदी  अंत मेरा लिखा तुझ में ही  साजना रे..साजना रे..साजना रे..

 रेत सूखी मैं  सैयां तू सावन  तू जो मैली करे, होंगी पावन   तुझको पा लूं तो  गंगा बनी मैं बहूँ  बिन तेरे मैं अधूरी अधूरी  तू जो अपना ले हो जाऊं पूरी  ग़म नहीं फिर रहूँ या ना रहूँ  ख़ाक बन के पिया  उड़ती बिछती फिरूँ  तू गुज़रता है जिस जिस गली  मैं तो भूखी पिया  इक तेरी डीड कि  तुझको ना हो क़दर ना सही साजना रे..साजना रे.. 

प्यार से देख तो तू कभी  तू है सागर वोही  जिसकी मैं हूँ नदी  अंत मेरा लिखा तुझ में ही  साजना रे..साजना रे..साजना रे.. साजना रे..साजना रे..साजना रे..

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